आज का वास्तव

*आज का वास्तव* 

बहरा राजा अंध जनता, 
विकास यहाँ नही मिलता, 
सिर्फ सेठ का काला
धंदा चलता,
लाचार हर दर रहता, 
कौन राम कौन रहीम 
यह सिक्का चलता, 
जले-मरे-कटे कोई
किसे फ़रक हैं पडता,
अपने सर हो ताज 
और हात मे सत्ता, 
बाकी भाड़ में जाये जनता..

-प्राची  

 
 
 

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