मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं..

आज हिंदी मधे कविता केली आहे,काही शब्द लिहिण्यात चुकले असेल तर कळवा ही विनंती 🙏

मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं..

रात भर मेरे विचार मुझे सोने नहीं देते हैं,  
जाने कहां-कहां घूम आते हैं l
थक हारके सोना चाहू,
तो सुई से चुभ जाते हैं l
मेरे विचार सोने कहां देते हैं..

वो खफा हैं मुझसे, 
कर रहे हैं,शिकायत मेरी ही मुझसे l
कहते हैं कैसे नींद आती है तुम्हें इतने शोर में,
में कहू,कहां है शोर ? 
खामोशी है छाई चारों ओर l
सर पकड़ कर बैठे विचार मेरे,
कहे मूर्ख,खामोशी में ही तो होता है सबसे बड़ा शोर l
मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं..

कोई आज फिर खामोशी से भूखा सो रहा है, 
किसान थक हारकर खामोशी से जीना छोड़ रहा है,  कोई बच्चा कहीं अनाथ हो रहा है खामोशी से,
किसी माँ,बहन,बेटी की इज्जत उछाल रही है खामोशी से,
सीमा पर जवान के सीने पर लगी गोली कर गई खामोश उसे, 
गरीब मजदूर की दब रही है आवाज खामोशी से,
मजहब के नाम पर गिर रही है सालों से खड़ी मोहब्बत की दीवार खामोशी से हर कहीं,
ये खामोशी असहाय पीडा दे रही है मुझे, 
मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं l

और क्या गिनवावू तुझे मैं,
कैसे बयां करूं बेचैनी मेरी,
कितनी अशांती है फैली मेरे देश में l
इंसानियत की इबादत में उठे अब वह सर यहा कहां ?  मेरे विचार मुझे सोने नहीं देते.. 

सच क्या है,क्या है झूठ,
क्यों कोई समझ ना पाए,
औरों की क्यों मानते है सब,
जब सबमे बसता हू में l
इतना महत्वपूर्ण,आवश्यक और उपलब्ध हूं मैं,
मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं..

स्वयं का स्वार्थ हो,तो याद आता हू में,
दुसरो के प्रति कहाँ खो जाता हू में l
उठो जागृत करो मुझे फिर से,
और पूछो सवाल अपने आप से l
मेरे विचार मुझे सोनें कहां देते हैं..

जो चल रहा है,क्या यही मकसद है तेरा ? 
दुःख,छल से भरी दुनिया क्या सपना भी है तेरा ? 
हां है तो लानत है तुझपर...
अगर ना हैं..तो गिरा दो सारी दीवारें, 
जो नफरत से भरी हो l
मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं..

तू अकेला नहीं है,मैं तेरा हमसफर हूं 
परछाई भले ही तेरी तुझसे हो परे,
पर मैं फिर भी तुझसे जुड़ा हू l 
मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं..

कर इरादे बुलंद इतने,
के हर कोई तुझसा होने की ख्वाहिश करें,  
तेरे रहते ना सही,पर तेरी कोशिश से,  
तेरे बाद तो कम से कम,
मोहब्बत,विश्वास,इंसानियत से भरा गुलिस्ता बने l 
जो तेरे विचारों से हमेशा आबाद रहे l
मेरे विचार मुझे सोने कहां देते हैं.. 

प्राची दुधाने 
वारसा फाऊंडेशन

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